रिपोर्ट : रितेश वाघेला
विशाल उसे नशे की हालत में देख, घबरा कर बोला भाई मुझे बहार जाना है में गाड़ी नहीं दे सकता, उस बात से रेहमान को गुस्सा आ गया, उस ने विशाल की गाड़ी को लात मार के कहा की इस गोलीबार में कोय मुझे मना नहीं करता, तू मुझे मना करेंगा, गाड़ी देने से कह कर रेहमान शैख़ ने उसकी कोलर पकड़ कर तमाचा मार दिया, विशाल थोड़ा घबाराया अपनी गाड़ी उठाने गया उतनी देर में रेहमान पास के वड़ापाव वाले से चाकू लेकर विशाल पे वार करने आया , जिसमें विशाल के हाथ में 3 से 5 cm जितना घाव लग गया, जिसमें विशाल के हाथ से खून निकल ने लगा लोगो ने विशाल को वहा से चले जाने कहा, तो वापिस वो कहीं से अस्तरा लाकर उस पर वापिस वार करने आया, ये देख विशाल घबरा कर चिलाने लगा जभी लोगो की भीड़ उमटी पड़ी उन्होंने विशाल के हाथ में खून देखा तो लोगों ने उसे वहां से निकाल दिया पर विशाल के हाथ में घाव लगा था, जिसके कारण वो नजदीक के सरकारी अस्पताल वी एन देसाई में उपचार करने गया।
पोलिस उप निरीक्षक सुनिल कढु ने बिना जांच पड़ताल एक साधारण NC कर विशाल घर भेज दिया , जब पोलिस ने बयान दर्ज करने अभिषेक सिंह नाम के व्यक्ति को बुलाया पर नाम पता लेकर हस्ताक्षर करा के भेज दिया। ये घटना देख विशाल ने वकील राजेश दाभोलकर से मदद मांगी तभी विशाल के वकील ने पोलिस उप निरीक्षक से बात की तभी, पोलिस उप निरीक्षक सुनिल कढु ने कठोर सब्द में FIR लेने मना किया, जबी वकील राजेश दाभोलकर ने पोलिस उप निरीक्षक को कहा की आप ये ग़लत कर रहे है,
अगर साधारण आदमी पोलिस के पास न्याय मांगने आता है तो आप को उसकी मदद करनी चाइए नाकी रेहमान शेख जैसे व्यक्ती को इंडायेक्ट मदद करनी चाहिए। विशाल को मार लगा है, मेडिकल की रिपोर्ट में साफ लिखा हुआ है की चाकू से वार किया हुआ, यहां 326 की FIR होनी चाहिए, पर पोलिस उप निरीक्षक ने साफ इंकार कर दिया तभी विशाल के वकील राजेश दाभोलकर ने इस वारदात के लिए कड़ी न निंदा करते कहा कि जब पोलिस इस तरह करेगी तो दुबारा कोय न्याय के लिए पोलिस के पास नहीं जाएंगे। पोलिस गुन्हेगार को सजा देने की जगह मदद करने लगी तो आज 1 वारदात हुईं है, कल 10 ऐसी वारदात होगी।