विश्व दिव्यांग दिवस (3 दिसंबर) पर विशेष
- मनोज कुमार तिवारी
विश्व दिव्यांग दिवस हर वर्ष 3 दिसंबर को मनाया जाता है 1981 को संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा अंतर्राष्ट्रीय वर्ष दिव्यांग जनों हेतु घोषित किया गया था तथा 1983-1992 को "दिव्यांगजनों के संयुक्त राष्ट्र दशक" घोषित किया गया था। भारत में भी समय-समय पर दिव्यांगजनों के कल्याणार्थ नियम- कानून एवं योजनाएं बनाई जाती रही हैं। इन सभी का उद्देश्य लोगों को दिव्यांगता के प्रति जागरूक करना है।
दिव्यांगता के प्रकार : दिव्यांगता अधिकार अधिनियम 2016 में 21 प्रकार के दिव्यांगता का वर्णन है। जिनमें मानसिक मंदता, ऑटिज्म, सेरेब्रलल, पॉल्सी, मानसिक रोगी, श्रवण बाधित, मूक निशक्तता, दृष्टिबाधिता, अल्प दृष्टि, चलन निशक्तता, कुष्ठरोग, बौनापन, तेजाब हमला पीड़ित, मांसपेशी विकार, स्पेसिफिक लर्निंग डिसेबिलिटी, बौद्धिक नि:शक्तता, मल्टीपल स्क्लेरोसिस, पार्किंसस रोग, हिमोफीलिया, थैलेसीमिया, सिकल सेल डिजीज व बहू निशक्तता है।
दिव्यांगता के कारण :