- रिपोर्ट : अशोक भाटिया
यह सही है कि आज भी नागा संगठन एनएससीएन पिछले 23 वर्षों से केन्द्र के साथ अलग नागा ध्वज और अलग संविधान पर बातचीत कर रहा है ताकि भारत-नागा मुद्दे का समाधान हो सके। हाल ही में नागालैंड के राज्यपाल आरएन रवि ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि भारत में केवल एक राष्ट्रीय ध्वज और संविधान होगा। उन्होंने दो टूक कहा है कि बंदूकों के साये में उग्रवादी समूह के साथ अंतहीन बातचीत मंजूर नहीं है।दूसरी तरफ विद्रोही संगठन एनएससीएन (आईएम) अलग ध्वज और अलग संविधान की मांग पर अड़ा हुआ है। इससे नागालैंड समस्या का समाधान करने के लिए शांति समझौते को लेकर चल रही बातचीत तकरार में बदलती दिखाई दे रही है। एनएससीएन (आईएम) लम्बे समय से मांग कर रहा है कि समझौते में असम, अरुणाचल और मणिपुर में पड़ने वाले पारम्परिक नागा इलाकों को मिलाकर ग्रेटर नागलिम बनाया जाए। केन्द्र पहले ही कह चुका है कि इन तीनों राज्यों के किसी भी इलाके को ग्रेटर नागलिम में शामिल नहीं किया जाएगा।
केन्द्र की सरकार का स्टैंड यही रहा है कि नागालैंड के संदर्भ में जो कुछ भी तय होगा वह भारतीय संविधान के दायरे में ही होगा। केन्द्र सरकार भारत की क्षेत्रीय अखंडता और प्रभुसत्ता के साथ समझौता नहीं कर सकती और न ही वह मणिपुर, असम और अरुणाचल राज्यों के लोगों को नाराज कर क्षेत्रीय सीमाओं को नगाओं द्वारा किए जा रहे दावों के हिसाब से खत्म कर सकती। यह बात एनएससीएन भी जानता है कि ग्रेटर नागलिम की मांग को पूरा किया जाना आसान नहीं है, उन्हें तो यह समझने का प्रयास करना चाहिए कि संविधान के दायरे में किस तरह से उनकी आकांक्षाएं पूरी हो सकती हैं।
विद्रोही गुट को लोगों की आवाज सुननी और समझनी चाहिए और सच्ची लोकतांत्रिक भावना से उनकी इच्छाओं का सम्मान करना चाहिए। नागालैंड रक्तपात की राजनीति पर शांति की राजनीति की विजय का परिणाम है। विद्रोही गुट अब अनर्गल बयानबाजी कर रहा है। पूर्वोतर के राज्यों ने बहुत रक्तपात झेला है। अब वह समय आ चुका है कि समूचे राष्ट्र को अलग राज्य, अलग झंडा और अलग संविधान स्वीकार्य नहीं होगा। दो संविधान, दो प्रधान और दो निशान को राष्ट्र कश्मीर में भी ठुकरा चुका है क्योकि भाजपा अपने जन्म काल जनसंघ के ज़माने से यही नारा बुलंद करता आया है | अब एक ही रास्ता बचा है कि बचे-खुचे अलगाववादी संगठन राष्ट्र की मुख्यधारा में शामिल होकर लोकतांत्रिक तरीके ये आगे बढ़ें और संविधान के दायरे में समाधान तलाशें।